सफर जिंदगी की जिया मजे ले ले कर
सफर ज़िन्दगी की जिया मजे ले ले कर।।
प्रेम में भी, नफरत में भी।
रात घनघोर अंधेरा में भी।
चिख ललकार की जिया मजे ले ले कर।।
गम में भी, खुशी में भी।
महत्वकांक्षी धैर्य में भी।
ज़िद ललकार की जिया मजे ले ले कर।।
नाकाम में भी, बदनाम में भी।
दुखों के घेरे गरीबी में भी।
संघर्ष ललकार की जिया मजे ले ले कर।।
एकांत में भी, शोर में भी।
बुरे हालात से उम्मीद के किरणों में भी।
दूरदर्शिता ललकार की जिया मजे ले ले कर।।
::- आदित्य आर्य सिन्हा
(रचनाकार)
Aditya arya sinha |
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